कोणार्क सूर्य मन्दिर कहां है कोणार्क सूर्य मन्दिर किसने बनवाया.


 कोणार्क  भारत के राज्य ओड़िशा के पुरी ज़िले में स्थित एक नगर है। यहाँ से राष्ट्रीय राजमार्ग 316ए गुज़रता है। यह जगन्नाथ मन्दिर से 21 मील उत्तर-पूर्व समुद्रतट पर चंद्रभागा नदी के किनारे स्थित है। यहाँ का सूर्य मन्दिर बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर की कल्पना सूर्य के रथ के रूप में की गई है। रथ में बारह जोड़े विशाल पहिए लगे हैं और इसे सात शक्तिशाली घोड़े तेजी से खींच रहे हैं।
 जितनी सुंदर कल्पना है, रचना भी उतनी ही भव्य है। मंदिर अपनी विशालता, निर्माणसौष्ठव तथा वास्तु और मूर्तिकला के समन्वय के लिये अद्वितीय है और उड़ीसा की वास्तु और मूर्तिकलाओं की चरम सीमा प्रदर्शित करता है। एक शब्द में यह भारतीय स्थापत्य की महत्तम विभूतियों में है।

निर्माण

इसका का निर्माण 13 वीं शताब्दी में उड़ीसा के नरेश नरसिंहदेव-प्रथम ने करवाया था। कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण के 12 वर्षों से लकवा ग्रस्त पुत्र संबा को सूर्य देव ने ठीक किया था। इस कारण उन्होंने सूर्य देव को समर्पित इस मंदिर का निर्माण किया था।

आंतरिक

इस मंदिर के अन्दर एक नृत्यशाला और दर्शकों के लिए एक हॉल है। अनेक नक्काशियां, विशेष रूप से  मुख्य प्रवेश द्वार पर पत्थरों से निर्मित हाथियों को मारते 2 बड़े सिंह आपको मंदिर निर्माण के उस काल में ले जाकर आश्चर्य और भावुकता से भर देंगे। निर्माण कार्य में बहुत विचार-विमर्श किया गया है। प्रत्येक मूर्ति बनाने में हाथ के कौशल और दिमाग की चतुराई का प्रयोग किया गया है। सूर्य देव की 3 सिरों वाली आकृति आपको इस बात का उदाहरण देगी। 

सूर्य देव के 3 सिर विभिन्न दिशाओं में हैं, जो सूर्योदय, उसके चमकने और सूर्यास्त का आभास देते हैं। आपको इस मूर्ति के बदलते भावों को देखना चाहिए। सुबह के समय की स्फूर्ति और सायंकाल होत-होते दिखने वाली थकान के भाव देखने योग्य हैं।

देवता

इसी मंदिर परिसर के दक्षिण-पूर्वी कोने में सूर्य देव की पत्नी माया देवी को समर्पित एक मंदिर है। यहां नव ग्रहों वाला अर्थात् : सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहू और केतू को समर्पित मंदिर भी है। पर्यटक मंदिर के समीपवर्ती समुद्र-तट पर आराम कर सकते हैं।

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